सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने के लिए पब्लिक फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर 80% सब्सिडी देने की घोषणा की है। कुछ खास मामलों में यह सब्सिडी 100% तक हो सकती है। सरकार इस स्कीम पर दो साल में 10,900 करोड़ रुपए खर्च करेगी। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए नोडल एजेंसी राज्य सरकारें तय करेंगी। देशभर में 72,300 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इन प्रस्तावित पब्लिक फास्ट चार्जिंग स्टेशन्स में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर के लिए 48,400 और फोर-व्हीलर के लिए 22,100 शामिल हैं। इनमें कारों के अलावा हल्के कमर्शियल वाहन, एम्बुलेंस शामिल हैं। 1,800 चार्जर्स इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों के लिए भी होंगे। इस स्कीम के लिए जो शहर चुने गए हैं, उनमें दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू जैसे बड़े शहरों के अलावा भोपाल, इंदौर, रायपुर, जयपुर, पटना और उदयपुर जैसे टियर-2 और टियर-3 शहर भी शामिल हैं। पब्लिक चार्जिंग स्टेशन ऐसे होंगे इनमें कम से कम एक इलेक्ट्रिक 4-व्हीलर का 60 किलोवाट का फास्ट चार्जर और 12 किलोवॉट के कम से कम दो इलेक्ट्रिक टू और थ्री व्हीलर चार्जर होना जरूरी है। इसके लिए कम से कम 40 से 60 वर्गमीटर जगह आवश्यक होगी। इसमें दो कार और चार टू-व्हीलर या थ्री-व्हीलर के लिए पार्किंग स्पेस बन सकेगा। इलेक्ट्रिक 4-व्हीलर के हिसाब से 40 शहरों की लिस्ट तैयार सरकार ने ई-चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए इलेक्ट्रिक 4-व्हीलर की संख्या के हिसाब से 40 शहरों की पहचान की है। दिल्ली इस सूची में सबसे ऊपर है, जबकि जोधपुर और उदयपुर सबसे निचले स्थान पर हैं। इसके अलावा, नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCP) के तहत आने वाले 131 शहरों को भी इस लिस्ट में रखा गया है। ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए इन शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या एक प्रमुख आधार होगी। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक बसों के लिए 40 हाईवे कॉरिडोर और इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए 20 हाईवे कॉरिडोर को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए प्राथमिकता दी गई है।
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