खबर पढ़ने से पहले इन तस्वीरों को देखें... 1. यमुना एक्सप्रेस-वे ये मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे की हैं, जहां धुंध-कोहरे के कारण पर 8 बसें और 3 कारें टकरा गईं। गाड़ियों में आग लगने से 13 लोगों की जलकर मौत हो गई और 70 घायल हुए। 2. हापुड़ हादसा ये उत्तर प्रदेश के हापुड़ की है, यहां अनवरपुर के पास घने कोहरे और कम विजिबिलिटी की वजह से 6 गाड़ियां टकरा गईं। कुछ लोगों के घायल होने की सूचना है। चार दिन में 110 गाड़ियां टकराईं, 15 लोगों की मौत देश के मैदानी इलाकों में घना कोहरा छा रहा है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और यूपी के 57 जिलों में बुधवार सुबह कोहरे के कारण सुबह 10 मीटर तक देखना मुश्किल था। यूपी में पिछले 5 दिन में कोहरे के कारण अलग-अलग सड़क हादसों में 110 गाड़ियां आपस में टकरा चुकी हैं। इनमें 15 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में इस मौसम में अगर आप भी लॉन्ग ड्राइव पर जाने का प्लान कर रहे हैं तो पहले ये जान लीजिए कि सर्दियों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या क्यों बढ़ जाती है? साथ ही जानेंगे कि- सवाल-1: सर्दियों में सड़क हादसे क्यों बढ़ते हैं? जवाब- मुख्य वजह घना कोहरा और धुंध है। इससे नजर बहुत कम हो जाती है, ड्राइवर को आगे का वाहन भी ठीक से दिखाई नहीं देता। खासकर उत्तर भारत में दिसंबर-जनवरी में कोहरा इतना घना होता है कि विजिबिलिटी जीरो तक पहुंच जाती है। ऐसे में हादसे आम हो जाते हैं। सवाल-2: कोहरे में ड्राइविंग से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए? जवाब- सर्दी में घना कोहरा और फिसलन भरी सड़कें ड्राइविंग को चुनौतीपूर्ण बना देती हैं। ठंड से हाथ-पैर सुन्न पड़ते हैं और कार भी प्रभावित होती है। इसलिए घर से निकलने से पहले कुछ जरूरी चीजें चेक करें, ताकि हादसों से बचा जा सके। सवाल-3: कोहरे या धुंध में ड्राइविंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- ड्राइविंग के लिए कोहरा सबसे चुनौतीपूर्ण मौसम होता है। इस मौसम में सड़क पर कुछ भी साफ दिखाई नहीं देता है। कई बार 1-2 मीटर के बाद सड़क पर कुछ भी दिखाई नहीं देता है। सड़क पर धुंध ही धुंध नजर आती है। इसलिए इस मौसम में ड्राइविंग करते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। खासकर जब आप किसी हाइवे, एक्सप्रेस–वे या सिग्नल फ्री रोड से गुजर रहे हैं। इसके लिए रोड सेफ्टी से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स अपनाने चाहिए, जिससे सुरक्षित ड्राइव कर सकें और सड़क हादसों से बच सकें। आइए, इस ग्राफिक में दिए कुछ पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं... अपनी लेन में ही गाड़ी चलाएं: हाईवे पर टू-व्हीलर, 4-व्हीलर और बड़े वाहनों के लिए निर्धारित ड्राइविंग लेन होती हैं। कोहरे में विजिबिलिटी कम होने पर लेन चेंज करना जोखिम भरा हो सकता है। अपनी लेन में रहें, दुर्घटनाओं से बचें और दूसरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। कोहरे के समय हेडलाइट को लो-बीम पर रखें: कोहरे के समय गाड़ी की हेडलाइट लो-बीम पर रखनी चाहिए। लो-बीम हेडलाइट्स वाहन के सामने 50 से 75 मीटर के बीच रोशनी देने में मदद करती हैं। वहीं हाई-बीम पर लाइट फैल जाती है, जिससे कोहरे में सामने कुछ भी दिखाई नहीं देता है। शीशों पर धुंध जमने से रोकने के लिए डिफॉगर ऑन रखें: सर्दियों में बाहर का तापमान और गाड़ी के अंदर का तापमान अलग-अलग होता है। इससे गाड़ी की विंड स्क्रीन पर धुंध जमने लगती है। इससे विजिबिलिटी कम हो जाती है। डिफॉगर शीशों पर धुंध जमने से रोकता है। इसलिए कोहरे में ड्राइविंग के दौरान डिफॉगर ऑन रखना चाहिए। ओवरटेक करने की कोशिश न करें: कोहरे में जल्दबाजी दिखाना ठीक नहीं है। इसलिए अपनी लेन में ही चलें। दूसरे वाहनों को ओवरटेक करने की कोशिश न करें। आगे चल रही गाड़ियों से पर्याप्त दूरी बनाएं : घने कोहरे के समय आगे चल रही गाड़ियों से सामान्य से ज्यादा दूरी बनाकर रखें, जिससे सामने चल रही गाड़ी के अचानक ब्रेक लगाने पर आपको संभलने का पर्याप्त मौका मिल सके। कई बार इसकी वजह से भी एक्सीडेंट हो जाते हैं। सवाल-4: कोहरे के समय किस स्पीड में गाड़ी चलाना सही है? जवाब- अधिक कोहरे के बीच गाड़ी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ज्यादा नहीं चलानी चाहिए। सवाल-5: कोहरे में गाड़ी चलाते समय किस तरह की गलतियां नहीं करनी चाहिए? जवाब- कोहरे में गाड़ी चलाते समय कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए। जैसे कि-
from टेक - ऑटो | दैनिक भास्कर https://ift.tt/lQYXmN2
from टेक - ऑटो | दैनिक भास्कर https://ift.tt/lQYXmN2