बाइक-स्कूटर में 1 जनवरी से एंटी-लॉक ब्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य:इससे अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी नहीं फिसलती, ₹10,000 तक बढ़ सकते हैं दाम

केंद्र सरकार ने 1 जनवरी से भारत में बनने वाले एंट्री लेवल टू-व्हीलर में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य कर दिया है। इसमें इलेक्ट्रिक बाइक और स्कूटर भी शामिल हैं। ये फीचर अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी को फिसलने से रोकता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि, ऑटोमैकर्स को L2 कैटेगरी के टू-व्हीलर्स में ABS देना होगा। पहले ये नियम 125cc इंजन और इससे ज्यादा कैपेसिटी वाले टू-व्हीलर्स के लिए जरूरी था। हालांकि, 50cc मोटर और 50kmph से कम की टॉप स्पीड वाले EV को छूट दी गई है। यही नहीं, हर टू-व्हीलर के साथ डीलर को दो BIS-सर्टिफाइड हेलमेट (एक राइडर और एक पीछे बैठने वाले के लिए) भी देने होंगे। सरकार के ABS अनिवार्य करने का उद्देश्य मोटरसाइकिल और स्कूटर से होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना है। देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में टू-व्हीलर सवारों की मौत होने की संख्या लगातार बढ़ रही है। 65 से 70 हजार टू-व्हीलर सवार देश में हर साल एक्सीडेंट में जान गंवाते हैं क्या है ये ABS और क्यों है जरूरी? ₹10 हजार तक महंगे होंगे, डिमांड भी 4% तक घटेगी एक्सपर्ट के मुताबिक, नए नियम से 125cc से छोटे इंजन वाले टू-व्हीलर्स की लागत 3 से 10 हजार रुपए तक बढ़ सकती है। क्योंकि, मैन्युफैक्चरर्स को ड्रम ब्रेक की जगह डिस्क ब्रेक लगाने होंगे। प्राइमस पार्टनर्स के उपाध्यक्ष निखिल ढाका के मुताबिक, ABS अनिवार्य करने से कंपनियों को प्रोडक्ट डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग, दोनों में बड़े बदलाव होंगे। इससे इन गाड़ियों की कीमत 10 हजार रुपए तक बढ़ सकती है। इसका मतलब ड्रम ब्रेक को डिस्क ब्रेक से बदलना, असेंबली लाइनों पर टूलिंग को अपडेट करना। साथ ही टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के नए दौर से गुजरना है। नोमुरा इंडिया का अनुमान है कि ABS के चलते कीमतें बढ़ने की वजह से एंट्री लेवल मॉडल की डिमांड 2 से 4% तक घट सकती है।

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