दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला अप्रैल से भारत में कारें बेचना शुरू कर सकती है। हालांकि कंपनी यहां निर्माण यूनिट नहीं लगाएगी। वो जर्मनी के बर्लिन-ब्रांडेनबर्ग की गीगाफैक्ट्री में बनी कारें भारत लाएगी। खबर है कि कंपनी यहां सबसे किफायती ईवी कार उतारने की तैयारी में है। इसकी कीमत 25 हजार डॉलर (21.71 लाख रुपए) हो सकती है। यह कौन सा मॉडल होगा, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन, ईवी कारों को लेकर भारत की मौजूदा आयात नीति के हिसाब से यदि टेस्ला कारें बेचती है, तो 21 लाख रु. की इस ईवी की अनुमानित कीमत 36 लाख तक होगी। अभी बाहर से आने वाली ईवी कार पर 75% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगती है। लेकिन, यदि कंपनियां केंद्र के साथ एमओयू करती हैं तो 35,000 डॉलर से ऊपर की कारों पर कस्टम ड्यूटी 15% लगेगी। यह छूट तभी मिलेगी, जब कंपनी सालाना 8 हजार से ज्यादा कारें न बेचे। दूसरी शर्त, ऐसी कंपनियों को 5 साल में भारत में निर्माण शुरू करना होगा। हालांकि ये नीतियां बदलने की चर्चा है। उम्मीद है कि मार्च अंत तक नई नीति आ सकती है। मॉडल 3 और वाई उतारने की भी चर्चा 8 हजार करोड़ के पार्ट खरीदेगी: सूत्रों की मानें तो टेस्ला मैन्युफैक्चरिंग यूनिट न लगाकर इस साल भारत से ही 8 हजार करोड़ रुपए के पार्ट्स खरीद सकती है।
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