अब आप रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) और नेशनल इलेट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के जरिए ट्रांजैक्शन करने से पहले रिसीवर यानि बेनिफिशियरी अकाउंट होल्डर के नाम को वेरिफाई कर सकेंगे। रिजर्व बैंक ने आज (30 दिसंबर) RTGS और NEFT से फंड ट्रांसफर करने के लिए बेनिफिशियरी अकाउंट नेम लुक-अप फैसिलिटी शुरू करने की घोषणा की है। नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। गलत खाते में फंड ट्रांसफर पर लगेगी रोक आरबीआई का कहना है कि कई बार बैंक कस्टमर्स RTGS और NEFT के जरिए ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के दौरान गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं, लेकिन अब नेम लुकअप फैसिलिटी से जल्द ही बैंक कस्टमर्स की ओर से की जाने वाली ऐसी गलतियां कम हो जाएंगी साथ ही फ्रॉड पर भी लगाम लगाया जा सकेगा UPI और IMPS में बेनिफिशियरी वेरिफिकेशन की सुविधा है गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस साल अक्टूबर में हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग के बाद RTGS और NEFT के जरिए फंड ट्रांसफर करने के लिए नेम लुकअप फैसिलिटी शुरू करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि, वर्तमान में यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI) और इमेडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) में लुकअप फैसिलिटी मिलती है। लुकअप फैसिलिटी के जरिए पेमेंट करते समय रिसीवर का नाम और डिटेल दिख जाती है। इससे गलत व्यक्ति को पेमेंट होने की आशंका खत्म हो जाती है। लेकिन, ये सुविधा RTGS और NEFT सिस्टम में नहीं थी।
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