ऑडी ने 31, पोर्श ने 176 इलेक्ट्रिक गाड़ियां वापस बुलाईं:ई-ट्रॉन और टायकन के बैटरी मॉड्यूल सप्लायर सिस्टम में डिफेक्ट, आग लगने का भी खतरा

लग्जरी कार मैन्युफैक्चरर ऑडी और पोर्शे ने तकनीकी खराबी के कारण अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को वापस बुलाया है। कंपनियों ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) को बताया कि रिकॉल की गई गाड़ियों के बैटरी मॉड्यूल सप्लायर सिस्टम में खराबी की समस्या की पहचान की गई है। कंपनियों के इस रिकॉल में ऑडी की 9 जनवरी 2020 से 16 फरवरी 2024 के बीच बनाए गए ऑडी ई-ट्रॉन GT और RS ई-ट्रॉन GT के मॉडल शामिल हैं। वहीं, पोर्शे की 21 अक्टूबर 2019 से 4 मार्च 2024 के बीच बनाए गए बनाए गए, 176 मॉडल शामिल हैं। बैटरी मॉड्यूल सप्लायर सिस्टम में डिफेक्ट SIAM के अनुसार, पोर्श के रिकॉल किए गए मॉडल्स में खराब बैटरी मॉड्यूल सप्लायर सिस्टम के कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है और थर्मल थ्रॉटलिंग के बाद गाड़ी में आग भी लग सकती है। वहीं, ऑडी की गाड़ियों में हाई-वोल्टेज बैटरी के अलग-अलग सेल मॉड्यूल में डिफेक्ट मिला है। इससे हाई-वोल्टेज बैटरी ज्यादा गरम हो सकती है और आग लगने का खतरा हो सकता है। कस्टमर से नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज पोर्श का कहना है कि जल्द इस समस्या को ठीक किया जाएगा। संबंधित मॉडल्स के मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे अधिक जानकारी के लिए पोर्श के ऑफिशियल डीलरशिप से संपर्क करें। वहीं, ऑडी इंडिया ने बताया कि, ऑफिशियल वर्कशॉप मॉडल्स के ऑनर्स से संपर्क करेंगे, जहां डिफेक्ट को सही किया जाएगा। दोनों कंपनियों ने कहा है कि वाहन मालिकों को खराब पार्ट बदलने की जानकारी दी जाएगी। डिफेक्ट सुधारने या पार्ट्स बदलने के लिए कस्टमर से किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा। ऑडी ई-ट्रॉन GT के लिए इस साल दूसरा रिकॉल ऑडी इंडिया का ई-ट्रॉन GT और RS ई-ट्रॉन GT के लिए इस साल ये दूसरा रिकॉल है। इससे पहले कंपनी ने 9 जनवरी 2020 से 12 जून 2024 के बीच बनाई गए ऑडी ई-ट्रॉन GT और RS ई-ट्रॉन GT के मॉडल के लिए रिकॉल किया था। इनमें फ्रंट एक्सल पर ब्रेक होज में खराबी की समस्या मिली थी। देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले रिकॉल क्या है और क्यों होता है? जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह कार में खराबी को लेकर कंपनी को पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। इसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। इसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है, तब वो उस शहर के नजदीकी सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।

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