स्कूल से छुट्टी होते ही पारूल दौड़ कर आईस्क्रीम वाले के पास पहुंच गई।
पारूल: भैया जल्दी से चॉकलेट वाली आईस्क्रीम दे दो।
आईस्क्रीम लेकर पारूल जल्दी से सामने खड़ी अपनी स्कूल बस
में बैठ जाती है। तभी उसकी सहेली मुस्कान उसके पास आती है।
मुस्कान: पारूल तू रोज आईस्क्रीम खाती है। तेरे दांत खराब
हो जायेंगे। मेरी मम्मी तो मुझे आईस्क्रीम के लिये पैसे ही नहीं देती।
पारूल: तुझे पता है मुझे आईस्क्रीम बहुत पसंद है। आईस्क्रीम
के लिये मैं कुछ भी कर सकती हूं। मेरे मम्मी पापा को पता भी नहीं है कि मैं
आईस्क्रीम खाती हूं। लेकिन अगर वो मुझे रोकेंगे तो मैं खाना खाना छोड़ दूंगी लेकिन
आईस्क्रीम नहीं छोड़ सकती।
मुस्कान चुप रह जाती है। पारूल आईस्क्रीम खाकर उसकी डंडी को
बाहर फेंक देती है। कुछ ही देर में बाकी बच्चे भी बस में आ जाते हैं बस सब बच्चों
को छोड़ती हुई पारूल के घर पहुंच जाती है। पारूल और मुस्कान दोंनो उतर जाती हैं।
मुस्कान पारूल के घर के पास ही रहती थी।
घर आकर पारूल की मम्मी शकुन्तला जी उसे खाना परोस कर देती
हैं। लेकिन वह खाने को मना कर देती है।
क्योंकि अभी अभी जो चॉकलेट आईस्क्रीम का
स्वाद उसकी जुबान पर था वह उसे खराब नहीं करना चाहती थी।
पारूल हर दिन आईस्क्रीम खाने के लिये बेचैन रहती थी। एक दिन
वह स्कूल के लंच टाईम में स्कूल गेट के पास आई उसने देखा कि आईस्क्रीम वाला खड़ा
है।
पारूल: भैया एक आईस्क्रीम देना।
गेट बंद था फिर भी पारूल साईड की रेलिंग से आईस्क्रीम ले
लेती है।
वह आईस्क्रीम खाती है और अपना लंच कूड़े के डिब्बे में फेंक
देती है। टिफिन को बैग में रख लेती है।
छुट्टी के समय वह फिर से आईस्क्रीम ले लेती है।
मुस्कान: दोपहर को ही तो तूने आईस्क्रीम खाई थी। अब फिर से
आईस्क्रीम खाने लगी।
पारूल: मेरा बहुत मन करता है कि हमेशा आईस्क्रीम खाती रहूं।
मुस्कान उसे बहुत समझाती है लेकिन पारूल नहीं मानती अब यह
उसका रोज का काम हो जाता है। वह खाने की जगह आईस्क्रीम से पेट भर लेती थी।
दिन में आईस्क्रीम खाने के बाद वह रात को थोड़ा सा खाना
खाती फिर पापा से आईसक्रीम की जिद करती। उसके पिता रवि जी उसे आईस्क्रीम खिलाने ले
जाते थे।
इसी तरह कई महीने बीत गये। धीरे धीरे वह खाना पीना छोड़
देती है और आईस्क्रीम खाने में लगी रहती है। अब उसका पढ़ाई में भी मन नहीं लगता
था।
धीरे धीरे पारूल की सेहत खराब होने लगती है। उसके मम्मी
पापा उसे हॉस्पिटल ले जाते हैं। जहां डॉक्टर उसे चैक करके बताते हैं कि आपकी बेटी
ने खाना खाना बंद कर दिया है।
पारूल के पेट में बहुत दर्द हो रहा था।
पारूल: डॉक्टर साहब कहीं से मुझे आईस्क्रीम मंगा दीजिये।
प्लीज
डॉक्टर बच्चा समझ कर उसके लिये आईस्क्रीम मंगा देते हैं।
आईस्क्रीम मंगा देते हैं। आईस्क्रीम खाते ही उसका दर्द ठीक हो जाता है।
डॉक्टर: बेटा ऐसा कब से हो रहा है।
पारूल: डॉक्टर अगर मुझे आईस्क्रीम न मिले तो मेरे पेट में
दर्द होने लगता है।
डॉक्टर, शकुन्तला जी और रवि को सारी बात बताते हैं।
डॉक्टर: आपकी बेटी को आईस्क्रीम की लत लग गई है। इसका लिवर
इतना कमजोर हो गया कि किसी और चीज को वह पचा ही नहीं पा रहा है।
यह सुनकर दोंनो घबरा जाते हैं।
रवि: लेकिन डॉक्टर साहब इसका इलाज क्या है।
डॉक्टर: बच्चे का मन जब तक आईस्क्रीम से नहीं हटेगा तब तक
वह कुछ और नहीं खायेगा। उसका शरीर भी अब आईस्क्रीम मांगने लगा है। यह सब उसे खुद
छोड़ना होगा।
शकुन्तला जी: लेकिन कैसे? वह तो कुछ सुनना ही नहीं चाहती।
डॉक्टर: एक काम कीजिये एक जगह है आप उसे वहां घुमाने ले
जाईये।
डॉक्टर की बात सुनकर रवि और शकुन्तला, पारूल को लेकर एक
आईस्क्रीम की फैक्ट्री में पहुंच जाते हैं। वहां पारूल को वे आईस्क्रीम बनाने का
तरीका दिखाते हैं।
बहुत ही गंदी जगह थी। चारों ओर मच्छर, मक्खी थे। गंदे से पानी
से आईस्क्रीम तैयार की जा रही थी। जिस दूध से आईस्क्रीम बन रही थी। उसमें कई
मक्खियां पड़ी थीं।
यह सब देख कर पारूल का दिमाग खराब हो गया। तभी वहां का एक
कर्मचारी आईस्क्रीम लेकर आया और पारूल को देने लगा।
पारूल: छीः अंकल कितने गंदे तरीके से आईस्क्रीम बना रहे हो, कितने बच्चे इसे खाकर
बीमार पड़ रहे होंगे। मेरे स्कूल के बाहर भी आप ही के नाम वाली आईस्क्रीम बिकती
है। मैं खुद बीमार हो गई।
यह कहकर पारूल आईस्क्रीम फेंक देती है।
रवि और शकुन्तला बहुत खुश होते हैं। तभी कुछ देर में फूड
डिपार्टमेंट के लोग वहां छापा मारने आ जाते हैं। वह फैक्ट्री को सील कर देते हैं
और उसके मालिक को पकड़ कर ले जाते हैं। रवि ने सब देख कर फोन कर दिया था।
इंस्पेक्टर: रवि जी ये आईस्क्रीम में एक ऐसा केमिकल मिलाते
थे। जिससे बच्चों को इसकी लत लग जाती है और वो आईस्क्रीम के बगैर रह नहीं पाते।
पारूल: सर इन्हें बहुत बड़ी सजा मिलनी चाहिये।
इंस्पेक्टर: बेटा ये बहुत बड़ा क्राईम है। सजा तो इन्हें
बहुत बड़ी ही मिलेगी।
इसके बाद पारूल ने कभी आईस्क्रीम नहीं खाई उसका बहुत दिनों तक इलाज चला। इसके बाद वह बिल्कुल ठीक हो गई।
___________________________________________________________________________________
Bed time stories for kids in hindi
बच्चों
के लिए रोचक बेडटाइम कहानियाँ (story ) उनकी नींद को मिठास और
सुखद बना देती हैं। यह कहानियाँ (stories ) उन्हें
नये सपनों की उड़ान भरने का साहस और उत्साह प्रदान करती हैं। bed time stories न केवल कहानियों हैं, बल्कि
एक जादुई परंपरा हैं जो बच्चों के विकास में अत्यधिक महत्व रखती है। ये कहानियाँ
एक शांत वातावरण बनाती हैं, दिन को एक शांत स्वर में समाप्त करती हैं, और मिठे सपनों के रास्ते को साफ करती हैं।
माता-पिता
या अभिभावक के रूप में, bed time
stories कहना बच्चों के साथ संबंध
बनाने का एक अनमोल अवसर प्रदान करता है। यह एक समय है जब कल्पनाएँ विकसित होती हैं
आज की
तेजी से बदलती दुनिया में, जहाँ स्क्रीन्स अक्सर अवकाश का समय नियंत्रित करती
हैं, bed time
stories परंपरा एक सदाबहार गर्माहट
और एकता का प्रतीक है। यह एक डिजिटल शोर के बीच से एक विश्वासनीय और एकसाथ वाले
समय का एक विशेष पल है, जहाँ केवल कल्पना की हलकी चमक है।
Hindi
Stories, Stories In Hindi, Hindi mortal Story, Stories for Kids, Kids
Story
और भी bed time stories in hindi में पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://globaldeskblog.blogspot.com/ पर जाएं।