बन्दर बना जंगल का राजा

 

एक जंगल में एक बंदर और बंदरिया रहते थे। दिन भर पेड़ों पर उछल कूद करते थे। एक दिन बंदर और बंदरिया एक पेड़ की टहनी पर बैठे थे, तभी जंगल के रास्ते से उस देख के राजा की सवारी निकली।



उसे देखकर बंदरिया ने बंदर से कहा –

बंदरिया: काश मेरी शादी किसी राजा से हो जाती तो मैं भी ऐसे मजे में रहती।

बंदर को यह बात बहुत बुरी लग जाती है।

बंदर: कभी बंदरिया की शादी इंसानों से होती देखी है। भला एक इंसान कभी बंदरिया से शादी करेगा?

बंदरिया: तुम मेरे लिये इतना नहीं कर सकते इस देश के न सही कम से कम इस जंगल के तो राजा बन सकते हो।

बंदर: तेरा दिमाग खराब हो गया है। अगर शेर को पता लग गया तो हमें खा जायेगा। जंगल का राजा शेर ही होता है।

बंदरिया: मेरे पास एक तरकीब है जिससे तुम जंगल के राजा बन सकते हो और मैं रानी।

बंदर: क्या तरकीब है?

बंदरिया: सुनों तुम राजमहल जाकर राजा का मुकुट चुरा कर ले आओ। फिर उस मुकुट को पहन कर राजा बन जाना और कोई पूछे तो कह देना, राजा ने अपना मुकुट देकर मुझे जंगल का राजा बनाया है।

अगर किसी ने मेरी बात न मानी तो राजा के सैनिक उसे पकड़ कर मार डालेंगे।

बंदर: लेकिन राजमहल से मुकुट कैसे लाउंगा? वहां तो बहुत पेहरा होगा।

बंदरिया: तुम रात को चुपचाप जाना। जब राजा सो जाये तब मुकुट ले आना। बस अगले दिन से तुम राजा और मैं तुम्हारी रानी।

बंदर: अगर मैं पकड़ा गया तो मुझे सैनिक मार देंगे। तेरे चक्कर में अपनी जान दांव पर नहीं लगा सकता।

बंदरियाः क्या तुम मेरे लिये इतना नहीं कर सकते। सोचो हमें खाने के लिये भटकना नहीं पड़ेगा। सभी जानवर यहीं खाना लाकर दे देंगे। राजा के डर से शेर भी तुमसे डरेगा।

बंदर, बंदरिया की बात मान कर रात को राजमहल में पहुंच जाता है और वहां से मुकुट चुरा कर वापस जंगल में आ जाता है। अगले दिन बंदरिया, बंदर को मुकुट पहना देती है।

मुकुट को अच्छे से दबा कर बंदर के सिर पर पहना देती है। बंदर को मुकुट चुभ रहा था लेकिन वह किसी तरह मुकुट को सिर पर बांध लेता है।

इधर राजा के महल में अफरा तफरी मच जाती है। राजा अपने सैनिकों को मुकुट ढूंढने का आदेश देता है। मुकुट न मिलने पर वह मुकुट ढूंढने वाले को सोने के सिक्के देने का वादा कर देता है। जिससे बहुत से लोग मुकुट ढूंढने लगते हैं।

जंगल में बंदर एक उंचे सी जगह पर बैठ कर कहता है –

बंदर: सुनो जंगल में रहने वाले सारे जानवरों हमारे महाराज ने मुझे जंगल का राजा बना दिया है। अब से शेर जंगल का राजा नहीं है। अगर किसी ने मेरी बात न मानी तो राजा के सैनिक उसे मार देंगे।

सभी जानवर उस चट्टान के आस पास इकट्ठा हो जाते हैं। वहां शेर भी पहुंच जाता है। पहले तो बंदर शेर को देख कर डर जाता है। लेकिन बंदरिया के आंखे दिखाने के बाद वह बहुत अकड़ के साथ शेर से कहता है –

बंदर: सुन बे शेर आज से मैं राजा और तू मेरी प्रजा। आज से तू हमारे लिये फल और खाने का सामान लायेगा। बाद में यहां आकर मेरे पैर भी दबायेगा। नहीं तो मैं महाराज से कह कर तुझे पिंजरे में बंद करवा दूंगा।

शेर: ठीक है महाराज। लेकिन क्या राजा ने तुम्हें यह मुकुट अपने हाथों से पहनाया है।

बंदर: हां कल राजा ने मुझे बुलाया और कहा शेर बहुत दिन से जंगल का राजा है। अब से तुम्हें जंगल का काम काज संभालना है। तुम पेड़ के उपर बैठ कर पूरे जंगल पर नजर रखना। फिर उन्होंने अपने हाथ से यह मुकुट मुझे पहना दिया।

इसके बाद पूरा जंगल बंदर को शेर मान कर उसकी सेवा में लग जाता हैं।

बंदर के साथ बंदरिया के भी मजे आ जाते हैं। अब बैठे बैठे खाना आ जाता था। कई जानवर उनकी सेवा में लगे रहते थे।

समय बहुत अच्छे से बीत रहा था।

एक दिन एक बैलगाड़ी पर बैठ कर एक आदमी जंगल के रास्ते से गुजरा उस समय बंदर का दरबार लगा हुआ था। उसने दूर से देखा कि बंदर मुकुट पहन कर  एक पत्थर पर बैठा है और सब पर हुक्म चला रहा है।

गाड़ी वाला जल्दी से राजा के पास गया और उसने सारी बात राजा को बताई।

राजा ने उसी समय सैनिकों की एक टुकड़ी जंगल में भेजी।

बंदर और बंदरिया दोंनो को पकड़ कर राजमहल में लाया गया।

बंदर: मरवा दिया तूने अब राजा जिन्दा नहीं छोड़ेगा।

बंदरियाः मुझे भी डर लग रहा है।

राजा जब बंदर को मुकुट लगाये देखता है तो वह जोर से हसने लगता है।

राजा: सैनिकों इस बंदर से मुकुट छीन लो और इसे जेल में डाल दो।

बंदर: महाराज मुझे माफ कर दीजिये। इस बंदरिया के कहने पर मैंने यह कहा था इसे रानी बनना था।

राजा: ठीक है इसे भी तुम्हारे साथ जेल में डाल देते हैं।

दोंनो को एक महीने के बाद जेल में डाल दिया जाता है।

इधर जब जंगल के राजा शेर को यह बात पता लगती है तो वह बहुत क्रोध में आ जाता है।

शेर: आने दो इस बंदर-बंदरिया को छूट कर इन दोंनो को एक ही दिन में चट कर जाउंगा।

एक महीने बाद दोंनो को राजा के सामने पेश किया जाता है।

बंदर: महाराज हमें जेल में ही पड़े रहने दीजिये। अब तक पूरे जंगल को चोरी वाली बात पता लग गई होगी और शेर हमें जिन्दा नहीं छोड़ेगा।

राजा: सजा तो तुम्हें मिलनी चाहिये। तुमने दो राजाओं को धोखा दिया है। ठीक है मैं अपने सैनिकों को तुम्हारे साथ भेजता हूं जो मेरा संदेश शेर को पढ़ कर सुनायेंगे कि तुम्हें मारा न जाये।

बंदर, बंदरिया सैनिकों के साथ जंगल में पहुंच जाते हैं। सैनिक शेर को राजा का संदेश दे देते हैं। उसमें लिखा था, कि इन बंदर बंदरिया को मारा न जाये। बाकी जो सजा दोगे वो इन्हें दे सकते हो।

शेर: ठीक है आज से पूरे जंगल में सबके खाने का प्रबंध तुम दोंनो करोगे। अगर जंगल का कोई जानवर भूखा रहा तो तुम्हारी खैर नहीं।

अब बंदर बंदरिया जंगल में जहां भी जाते। सब उनका ‘‘एक दिन का महाराज’’ कहकर मजाक उड़ाते थे।


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