लवलीना बोरगोहेन कौन है? लवलीना बोरगोहेन भारत की असम राज्य में की रहने वाली एक लड़की हैं। लवलीना बोरगोहेन ने भारत की तरफ से टोक्यो ओलंपिक में बॉक्सर के रूप में एक प्लेयर हैं। लवलीना बोरगोहेन ने भारत की तरफ से ओलंपिक में काफी अच्छा प्रदर्शन दिया और 2-3 स्कोर के लीड से क्वार्टर फाइनल राउंड के लिए चयनित हुई। लवलीना बोरगोहेन ने ऐसा करके अपने माता-पिता का नाम तो रोशन किया है, इसके साथ साथ इन्होंने भारत का नाम पूरे विश्व में उजागर किया।
लवलीना बोरगोहेन अपने बचपन से ही बॉक्सिंग की तरफ काफी ज्यादा अट्रैक्ट थी। लवलीना बोरगोहेन ने अपने बचपन में ही तय कर लिया था, कि वह एक बॉक्सिंग चैंपियन बनेंगी, जिसके लिए उन्होंने बचपन से ही ध्यान देना शुरू कर दिया। बाद में इन्होंने अपने करियर पर और भी ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया और वर्तमान समय में आप इनकी पोजीशन देख ही सकते हैं।
लवलीना बोरगोहेन का जन्मलावलीना बोरगोहेन का जन्म भारत के असम के एक छोटे से शहर गोलाघाट में वर्ष 1997 ईस्वी को 2 अक्टूबर में हुआ था। लवलीना बोरगोहेन अपने बचपन से ही इसी गांव में रहीं और उन्होंने इसी गांव में रहकर बॉक्सिंग की तैयारी भी की।
लवलीना बोरगोहेन का पारिवारिक संबंधलवलीना बोरगोहेन का जन्म असम के परिवार में हुआ था। लवलीना बोरगोहेन को इनके माता-पिता के द्वारा इन्हें काफी प्रेम प्राप्त हुआ। लवलीना के माता-पिता के द्वारा न केवल इन्हें बल्कि इनकी बहनों को भी काफी प्यार मिला। लवलीना बोरगोहेन की बहनों के नाम लीमा बोरगोहेन और लीना बोरगोहेन है।
लवलीना के माता पिता असम के गोलाघाट में ही रहते थे। लवलीना बोरगोहेन के पिता का नाम टोकन बोरगोहेन तथा इनकी माता का नाम मामोनी बोरगोहेन था। लवलीना बोरगोहेन के पिता का खुद का एक छोटा सा व्यापार था, जिससे उन्हें अपने परिवार को चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन अर्जित हो जाता था। लवलीना बोरगोहेन की माता कोई जॉब या फिर किसी सरकारी पद पर कार्यरत नहीं थी, इनकी माता एक हाउसवाइफ थी, इन्होंने अपने परिवार को काफी अच्छे से और प्यार पूर्वक पाला है, जिसका परिणाम आज आप देख ही सकते हैं।
लवलीना बोरगोहेन का प्रारंभिक जीवन लावलीना बोरगोहेन के पिता का उनका खुद का एक व्यापार था, जिसके कारण उनका जीवन काफी अच्छे से और संपन्नता पूर्वक व्यतीत हो रहा था। लवलीना बोरगोहेन को जीवन में किसी भी प्रकार की आर्थिक तंगी से नहीं गुजरना पड़ा। लवलीना बोरगोहेन एक ग्रामीण क्षेत्र से संबंध रखती थी, जिसके कारण पुरानी मान्यताओं के अनुसार उन्हें उनके कैरियर से सदैव पथभ्रष्ट ही किया जाता था।
लवलीना बोरगोहेन ने फिर भी हार नहीं मानी और इन सभी लोगों के विरुद्ध अपने करियर की प्राप्ति का प्रयास जारी रखा। धीरे-धीरे बहुत समय बीत गया और लवलीना ने खुद को और भी ज्यादा सशक्त बनाने के लिए ट्रेनिंग भी शुरू कर दी।
लवलीना बोरगोहेन को प्राप्त शिक्षालवलीना बोरगोहेन की शिक्षा के संबंध में अब तक किसी भी प्रकार की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। इनके शिक्षा के विषय में जानकारी उपलब्ध होते ही हम आपको जरूर इनफॉर्म करेंगे।
लवलीना बोरगोहेन की बॉक्सिंग ट्रेनिंगलावलीना बोरगोहेन ने अपने बॉक्सिंग करियर को और आगे बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग लेना चाहा। लवलीना बोरगोहेन के नेशनल लेवल बॉक्सिंग के टैलेंट को बॉक्सिंग ट्रेनर प्रदुम बोरो नहीं पहचाना। प्रदुम बोरो ने लवलीना बोरगोहेन को स्कूल के द्वारा कंडक्ट किए गए एक शो में देखा, इस शो का नाम sports authority of India था। इस शो के बाद लवली ना की बॉक्सिंग ट्रेनिंग प्रदुम बोरो के द्वारा शुरू कर दी गई।
लवलीना की मनपसंद बॉक्सर Mary Kom थी। लवलीना बोरगोहेन को मैरी कॉम से इंप्रेशन मिला। अपनी प्रारंभिक ट्रेनिंग के बाद लवलीना बोरगोहेन ने अपने इंटरनेशनल बॉक्सिंग की ट्रेनिंग वूमेंस बॉक्सिंग कोच शिव सिंह से प्राप्त की।
लवलीना बोरगोहेन का बॉक्सिंग कैरियर लावलीना बोरगोहेन जब ट्रेनर प्रदुम बोरो की निगरानी में ट्रेनिंग ले रही थी तब उन्होंने जूनियर और सीनियर लेवल के बॉक्सिंग कंपटीशन में हिस्सा लिया। लवलीना बोरगोहेन ने इन सभी कंपटीशन में अपना बेहद अच्छा प्रदर्शन दिया और कई गोल्ड मेडल भी जीते हैं।
इसके बाद लवलीना बोरगोहेन ने अपने इंटरनेशनल करियर को भी शुरू कर दिया। लवलीना बोरगोहेन ने वर्ष 2017 में अपना सबसे पहला इंटरनेशनल बॉक्सिंग कंपटीशन कजाकिस्तान में किया था। कजाकिस्तान में हो रहे इस कंपटीशन का नाम presidents cup in Astana, Kazakhstan था। इस कंपटीशन में लवलीना बोरगोहेन ने 75 किलोग्राम की केटेगरी में ब्रोंज मेडल जीता।
लवलीना बोरगोहेन कब आई चर्चा में लवलीना बोरगोहेन ने अभी हाल ही मे हुए टोक्यो ओलंपिक में अपने प्रदर्शन के कारण लोगों को अपनी और आकर्षित किया और अपनी अपोनेंट को 23 के स्कोर से हराया। लवलीना बोरगोहेन ने अपने अपोनेंट को हराया, इसलिए वह चर्चा में नहीं है, बल्कि उनके चर्चा में होने का कारण इस जीत के बाद क्वार्टर फाइनल में उनका सिलेक्शन है।
लवलीना बोरगोहेन का टोक्यो ओलंपिक में परफॉर्मेंस लावलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक में शुक्रवार की सुबह को क्वार्टर फाइनल मैच में चीन की एक बॉक्सर ताइपे की नीन चिन चेन को 2-3 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई, जिसके कारण वर्तमान समय में लवलीना बोरगोहेन पूरे भारत में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस जीत में लवलीना ने कांस्य पदक को अपने नाम कर लिया। भारत के लोग लवलीना के प्रति ऐसी आशा जता रहे हैं, कि बहुत जल्द ही उन्हें रजत पदक किया स्वर्ण पदक भी प्राप्त होगा।
ओलंपिक्स में लवलीना बोरगोहेन ने अपना काफी अच्छा प्रदर्शन देते हुए लोगों की नजर में आई हैं ऐसा कहा जा रहा है, कि लवलीना ओलंपिक में केवल जीतने के लिए ही आई है, क्योंकि लवलीना अब तक किसी भी मैच में हार का सामना नहीं किया। लवलीना बोरगोहेन का जोश आप उनके हर अटैक मोड में देख सकते हैं। लवलीना बोरगोहेन के दाएं हाथ का अपरकट और उनके बाएं हाथ का हुक उनके मैच जीतने में काफी मददगार सिद्ध हुआ है।
ओलंपिक में जीतने पर लवलीना को असम सरकार द्वारा मिला बड़ा तोहफालवलीना बोरगोहेन ने जैसे ही ओलंपिक में ब्रोंज पक्का हुआ, वैसे ही उनके स्थानीय विधायक के द्वारा उनके घर तक जाने वाली कच्ची सड़क को विधायक विश्वजीत फूकन ने स्वयं वहां पर खड़े होकर पत्थर डलवा कर उस रोड को पक्की बना दी और इस रोड को पूर्ण रूप से बहुत ही जल्द बना लिया जाएगा, इस रोड के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है और बहुत जल्द यह रोड तैयार भी हो जाएगा।
असम की सरकार लवलीना के परिवार को मेडल जीतते ही आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करती रही है, इतना ही नहीं असम राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वसर्वा ने असम प्रदेश की प्रथम महिला मुक्केबाज (जोकि ओलंपिक तक पहुंची है) के लिए पूजा अर्चना की ताकि लवलीना आज के इस मैच में गोल्ड मेडल हासिल करें और भारत का नाम गर्व से ऊंचा करें।
लवलीना बोरगोहेन अगला मैच कब है? लावलीना बोरगोहेन ने अपनी इस जीत के बाद सेमीफाइनल में अपनी हाजिरी लगा दी है। लवलीना बोरगोहेन का मुकाबला तुर्की की बॉक्सर बूसेनाज सुर्मेनेली के साथ होगा। इनका यह मुकाबला 4 अगस्त की मतलब आज 11:00 बजे हुआ, जिसमें लावलीना बोरगोहेन ने अच्छा और यादगार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक को अपने और अपने देश के नाम कर लिया।
4 अगस्त को सेमीफाइनल में 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी में तुर्की की वर्ल्ड नंबर-1 मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली से लावलीना बोरगोहेन को हार का सामना करना पड़ा। इस पदक को जितने के बाद लावलीना भारत की ओलंपिक मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर बन गई हैं।
लवलीना बोरगोहेन के परफॉर्मेंस को देखते हुए लोगों की मेडल को लेकर आशंकाएंजैसा कि हम सभी जानते हैं, लवलीना बोरगोहेन ने शुरू से ही ओलंपिक में धूम मचा रखी है। लवलीना ने अब तक ओलंपिक में जितने भी मैच खेले हैं, उन सभी में जीत हासिल की है अतः लोगों का ऐसा कहना है, कि लवलीन ने ओलंपिक में कदम जीतने के लिए ही रखा है। आज के इस मैच में यह सिद्ध हो जाएगा लवलीन फाइनल राउंड के लिए चुनी जाती है या नहीं। लवलीना के इस मैच को लेकर लोगों के द्वारा अनेकों प्रकार की आशंका जताई जा रही है।
लोगों के द्वारा लवलीना के परफॉर्मेंस को देखते हुए आज के इस मैच से ऐसी आशंकाएं जताई जा रही हैं कि इस मैच में लवलीना जरूर ही मेडल जीतेंगी। लवलीना नहीं ब्रोंज मेडल जीतने के बाद अपनी तैयारी को और भी ज्यादा सशक्त कर दिया है और दुगने जोश के साथ इन्होंने सेमी फाइनल राउंड के लिए स्वयं को तैयार किया है।
क्या है लवलीना बोरगोहेन के इस उपलब्धि का कारण एक रिपोर्ट के मुताबिक लावलीना के ग्राम वासियों का ऐसा कहना है कि लवलीना को जिस काम को करने की ज़िद आ जाती है, वह उसे किसी ना किसी हाल में जरूर पूरा कर दी हैं।
सिर्फ लवलीना ही नहीं बल्कि उनकी बहनों में भी उन्हीं के जैसा जोश और स्फूर्ति है। लवलीना के गांव वालों की कथनानुसार “एक बार लवलीना और उनकी बहनों को स्विमिंग सीखने की इच्छा हुई, परंतु गांव में किसी भी प्रकार का कोई तालाब या फिर नदी ना होने के कारण उन्हें काफी परेशानी हुई, परंतु उन्होंने हार नहीं मानी उन्होंने गांव में एक छोटे से जगह पर अपनी बहनों के साथ मिलकर एक तालाब ही खोज लिया।” लवलीना और उनकी बहनों ने एक साथ मिलकर स्विमिंग सीखा और स्विमिंग में महारथ भी हासिल की।
इनके गांव वालों के कथा अनुसार “इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर थी, अतः इनके पिता चाय बागान में एक किसान थे। लवलीना और इनके बहनों ने मिलकर एक क्षेत्र में एक चाय बागान ही उगा दी। यह चाय बागान इन तीनों बहनों ने अपने पिता के लिए शुरू किया था, ताकि इन्हें किसी और के नीचे काम ना करना पड़े।”
Source: https://thesimplehelp.com/lovlina-borgohain-biography-in-hindi/